गर्व है मुझे.., अपने भारतीय होने पर..!!

मेरी संस्कृति, मेरे आदर्श,
देते है मुझे खुशी और हर्ष,
यहाँ है सब अपने, नही है कोई डर,
गर्व है मुझे.., अपने भारतीय होने पर..!!

मेरे देश के लोग, उनके प्यार की गहराई,
मेरी रग रग में सिर्फ़, अनकी मोहब्बत है समाई,
जहाँ बेटो ने आज़ादी के लिए कटवा दिए अपने सर,
गर्व है मुझे.., अपने भारतीय होने पर..!!

यहाँ है अमन की हवा, यहाँ है चैन और शांति,
पूरे जहाँ में अहिंसा की, हम ही लाए थे क्रांति,
प्रगति की राह पर, चले है हम आगे बढ कर,
गर्व है मुझे.., अपने भारतीय होने पर..!!

तू ही है मेरी आन, तू ही है मेरी शान,
मैं तो निमित मात्र नहीं, तू ही है मेरी पहचान,
यहाँ रहा हूँ, यही रहूँगा, यही है मेरा घर,
गर्व है मुझे.., अपने भारतीय होने पर..!!

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जब भी कभी दोस्तो या रिश्तेदारो के बीच में अपने देश की बात होती है, तब सिर्फ़ यही चर्चा होती है की इस देश ने हमें क्या दिया, और ऐसी ऐसी बातों की समीक्षा की जाती है जिस से यह निष्कर्ष निकले की यह देश रहने लायक नहीं हैं | क्या यह सोचना सच में  इतना मुश्किल हैं की देश किसी चिड़िया का नाम नहीं हैं जो बोल दिया की बुरा हैं | हम बुरे हैं तो यह देश बुरा हैं, हम भ्रष्टाचार को बढावा देते हैं तो भ्रष्टाचार फैलता हैं | हम हमेशा हमारे ही देश को ग़रीब कहते हैं पर क्या कभी हमने किसी एक ग़रीब की मदद की हैं | अपने ही देश का अपमान करके हम सोचते हैं की हम बुद्धिजीव हैं और समाज में हमारी वाकपतुता की तारीफ होगी, पर कटु सत्य तो यह है की यदि आप अपने देश के नहीं हो सकते तो आपकी ज़िंदगी व्यर्थ हैं और आप को दुनिया के किसी भी कोने में सुकून नहीं मिल सकता |
हमने बहुत सारे लेख और ब्लॉग पढे होंगे जिन में देश की कमियों के अलावा कभी कुछ नही लिखा गया | क्यों हमने कभी यह सोचने की कोशिश नहीं करी की हमनें हमारे देश को क्या दिया ? धीरे-धीरे हम निपुण होते जा रहे हैं – कमियाँ निकालने में | सुबह-सुबह चाय के कप को हाथो में लेकर अख़बार पढते हुए यह बोलना “इस देश का कुछ नहीं हो सकता”, यही हमारे लिए हमारे विकसित दिमाग़ का परिचय बन गया हैं | ऐसे तो हमारा स्तर गिरता जाएगा और एक दिन ज़रूर आएगा जब हम कहेंगे “मेरा तो बेड़ा गर्क हो गया”, लकिन उस दिन भी हम अपनी ग़लत सोच के पीछे इसी देश को ज़िम्मेदार ठेराएँगे |
हम क्यों नहीं देख पाते की हमारे देश जैसा देश पूरे जहाँ में नहीं हैं | जो नैतिक या सांस्कृतिक मूल्य हमारे देश में हैं उसका सम्मान पूरा विश्व करता हैं | यह वो देश हैं जहाँ आज भी एक बेटा अपनी पूरी ज़िंदगी अपने माँ-बाप के साथ खुशी-खुशी बिताता हैं | यह वो देश हैं जहाँ आज भी उम्र में छोटे अपने बडो के पैर छू कर उनका आशिर्वाद लेते हैं | रिश्तो में इतनी मिठास और अपनापन हमें कहीं और नहीं मिलेगा | कम से कम हमारे देश में अपने बच्चो से माँ-बाप मकान का किराया तो नहीं लेते, जैसा की कुछ विकसित देशो में होता हैं |
हमे तो गर्व होना चाहिए हमारे देश पर जहाँ सभी धर्म/मज़हब के लोग रहते हैं और सारे त्योहार हर्ष-उल्लास के साथ मनाते हैं | हमारे देश में आज भी औरत को पूरी इज़्ज़त दी जाती हैं और उसे समाज में बराबर का ओहदा दिया जाता हैं | यह वो देश है जहाँ सबसे विख्यात राष्ट्रपति एक मुस्लिम है और प्रधानमंत्री सिख | मुझे गर्व होता हैं यह सोच के की हमारे देश के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैनिक दल हैं | हम उस देश में पैदा हुए हैं जिसने अपनी स्वतंत्रता को पाने के लिए अहिंसा का रास्ता चुना और सफलता का मुकाम भी पाया |
अगर क्रय शक्ति क्षमता (purchasing power parity) को ध्यान में रखा जाए, तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था, पूरी दुनिया में चौथे  पायदान पे आती हैं | पिछले दो दशको में हमने हमारी विकास दर से सभी विकसित या विकासशील देशो को पीछे छोड़ा हैं | हमारे देश का फिल्म उद्योग सभी देशो में सबसे बड़ा हैं | खेलो में भी हमने विकास की राह पकड़ ली हैं और ना सिर्फ़ क्रिकेट बल्कि टेन्निस, शूटिंग, रेसलिंग इत्यादि में ना सिर्फ़ हम अपनी क्षमताओ का प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि समय के साथ सुधार भी कर रहे हैं | पर्यटन में भी भारत का नाम बहुत आगे हैं और बीते दिनो में जिस तरीके से सभी ने ताज महल को विश्व के सर्वश्रेष्ठ सात अजूबो में नाम लाने के लिए जो सफल अभियान छेड़ा था, वो प्रशंसनीय हैं | भारतीय दिमाग़ का लोहा पूरा संसार मानता है और हमारे यहाँ की शिक्षा प्रणाली पूरे जहाँ में प्रसिद्ध हैं | हम हर क्षेत्र में आगे बढ रहे हैं और बहुत तेज़ी से आगे बढ रहे हैं | अब समय आ गया हैं कि हम अपने देश की बुराई करना बंद करके अपने देश और देशवासियों के लिए कुछ अच्छा करे | गर्व करें..अपने भारतीय होने पर..!!
मैं मानता हूँ की मेरी सोच बहुत सिमित हैं पर मुझे पूरा विश्वास है की अगली बार जब भी आप इस मुद्दे पे बहस करेंगे, गर्व करेंगे अपने देश पे, तब आप मुझे आपके विचारो से ज़रूर अवगत कराएँगे |
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PS: I know I am a very bad poet and not a good writer, but the bottom line is I love my nation, I love my India & I appeal to everyone for not criticising it ever.

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    • Ashish Biyani

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